सफ़ेद दाग के हज़ारों रोगियों के संपर्क में आने और उनके सफल इलाज का मुझे व्यक्तिगत अनुभव होने से रोग को लेकर भिन्न भिन्न प्रकार की मानसिकता एवं सोच वाले लोगों से मिलने का अवसर मुझे मिलता रहता है | सफ़ेद दाग रोग की शुरुआत होते ही घबराहट और जल्दबाज़ी में leucoderma/vitiligo पीड़ित देसी घरेलु उपचार से ठीक होने की कोशिश करता है खास कर दागों पर दवाई को चमड़ी पर लगा कर समझता है के इस से वह ठीक हो जायेगा किन्तु बजाये ठीक होने के सफ़ेद धब्बे और जगहों पर आने लगते हैं या मौजूद सफ़ेद धब्बे गहराने लगते हैं और सफेदी की चमक बढ़ जाती है | स्वाभाविक है की बजाये ठीक होने के रोग बढ़ने पर अख़बारों में छपे विभिन्न विज्ञापनों जिनमे २४ घंटे से लेकर सात दिन में चमड़ी का रंग बदलने का दावा किया होता है की शरण में जा कर दवाई मंगाता है | इस मंगाई हुई दवाई से भी कुछ फ़ायदा होना नहीं है| तो फिर परेशान हो कर किसी skin specialist से परामर्श लेता है | स्किन स्पेशलिस्ट leucoderma/ vitiligo|को चमड़ी का बाहरी रोग समझ कर खाने एवं लगाने दोनों की दवाई दे देता है| इसके बाद भी जब शरीर पर अन्य स्थानों पर नये धब्बे दिखाई देने पर रोगी हिम्मत हारने लगता है| वह परेशान तब अधिक हो जाता है जब नासमझ अज्ञानी लोग उसको समझाते हैं की सफ़ेद दाग का रोग ठीक नहीं होता है| क्योकि वह स्वयं इतना इलाज करवा चूका होता है तो वह भी यकीन कर लेता है के leucoderma/ vitiligo बीमारी ठीक नहीं होती जबकि ये मिथ्या है गलत है | सच तो ये है की सफ़ेद दाग १००% ठीक हो जाते हैं | ज़रुरत है सही इलाज की रोग जो दिखाई दे रहा है उसका नहीं बल्कि यह समझ कर इलाज किया जाये की रोग किसको और क्यों है शरीर को मेलेनिन सप्लाई सही प्रकार से क्यों नहीं हो रही है | कहने का मतलब ये है की शरीर ये बता रहा है की वो स्वस्थ एवं स्वाभाविक नहीं है | अर्थात सफ़ेद दाग के रोगी को उपचार ऐसा करना चाहिए जिस से शरीर के आंतरिक विकार दूर होकर रोगी पूर्ण स्वस्थ्य हो जाये| अतः सफ़ेद दाग के रोगी को स्वयं को पूर्ण स्वस्थ करने के लिए उपचार लेना चाहिए | अधिक जानकारी के लिए मोबाइल करें 09425006131, 08871714432